Total Pageviews

Friday, 10 January 2020

आखिर आ ही गई लक्ष्मी अग्रवाल बनीं दीपिका पादुकोण की फिल्म छपाक


दीपिका पादुकोण की फिल्म छपाक शुक्रवार को रिलीज हो गई। 40 करोड़ रुपये के बजट में बनी यह फिल्म देशभर के 1500 सिनेमाघरों में दिखाई जा रही है। फिल्म रिलीज होते ही दीपिका पादुकोण सबसे पहले मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर पहुंचीं, जहां उन्होंने भगवान का आशीर्वाद लिया।
जबकि फिल्म रिलीज होने से पहले वह जेएनयू पहुंचीं थी और जेएनयू में हमले का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों का समर्थन किया था। इस घटना के बाद कुछ लोगों ने उनका समर्थन किया तो देश भर में उनका काफी विरोध भी हुआ था। इस विरोध और समर्थन में राजनीति भी खूब हुई। यहां तक कि दीपिका पादुकोण के समर्थन में मध्य प्रदेश, छत्तीगढ़ और पुडुचेरी में छपाक फिल्म को टैक्स फ्री कर दिया गया है। फिल्म छपाक एसिड अटैक सर्वाइवर लक्ष्मी अग्रवाल की जिंदगी पर आधारित है।
कौन हैं लक्ष्मी अग्रवाल
एसिड अटैक सर्वाइवर लक्ष्मी अग्रवाल के साथ दीपिका पादुकोण (गूगल से साभार)
दिल्ली निवासी लक्ष्मी अग्रवाल बेहद सामान्य परिवार से संबंध रखती हैं। उनका सपना था गायिका बनना। जब वह 16 साल की थीं, तभी एक सिरफिरा नईम खान उनके पीछे पड़ गया। 32 वर्षीय नईम खान उनका पीछा करने लगा। उन पर शादी का दबाव डालने लगा। इन्कार करने पर एक दिन उनके पर तेजाब फेंक दिया, जिससे उनका चेहरा काफी विकृत हो गया। हालांकि कई सर्जरी के बाद अब कुछ ठीक हो गया है। ठीक के बाद उन्होंने एसिड के खिलाफ लड़ाई की ठान ली, ताकि उनकी तरह अन्य लड़कियों का जीवन बर्बाद न हो। उन्होंने एसिड की बिक्री पर अंकुश लगाने को एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में डाली। उनकी याचिका को संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों को एसिड की बिक्री को विनियमित करने के आदेश दिए। लक्ष्मी अग्रवाल स्टाप सेल एसिड संस्था की संस्थापक हैं। यह संस्था एसिड हिंसा और एसिड बिक्री के खिलाफ अभियान चलाती है। उनके अभियान स्टॉप सेल एसिड के लिए यूनिसेफ से अंतर्राष्ट्रीय महिला सशक्तिकरण पुरस्कार 2019 प्रदान किया गया। इससे पहले उन्हें यूएस फर्स्ट लेडी मिशेल ओबामा द्वारा 2014 का अंतर्राष्ट्रीय महिला सम्मान पुरस्कार मिल चुका है। भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों द्वारा भी उन्हें कई पुरस्कार मिल चुका है। उन्होंने शीरोज नाम से एक कैफे की भी शुरुआत की है, जिसमें एसिड अटैक पीड़ित युवतियों और महिलाओं को सहारा मिलता है। यह कैफे तीन राज्यों में चल रहा है। जिसमें एक कैफे आगरा में है। स्टाप एसिड कैंपन के दौरान इसके संस्थापक आलोक दीक्षित से इन्हें प्यार हो गया। लेकिन उनसे शादी करने की बजाय उनके साथ लिव इन रिलेशन में रहीं। तीन साल साथ रहने के बाद दोनों अलग हो गए। उनकी एक बेटी भी है, जिसका नाम पीहू है। 


No comments:

Post a Comment